रजोगुणी मन के लक्षण रजोगुणी मन के ग्यारह लक्षण होते हैं:- ०१. कामना (कर्म का अभिमान) ०२. तृष्णा (सुख की इच्छा) ०३. दंभ ०४. कामुकता ०५. असत्य भाषण ०६. अधीरता ०७. अधिक आनंद 08. भ्रमण ०९. भेद बुद्धि १०. विषय तृष्णा ११. मन जनित उत्साह फल ०१. क्रिया-कर्म में तत्पर ०२. बुद्धि डगमगाती है ०३. चित्त चंचल और अशांत रहता है. ०४. शरीर अस्वस्थ रहता है. ०५. मन भ्रम में पढ़ जाये. प्रभाव ०१. आसक्ति (भेद बुद्धि) ०२. प्रवत्ति में विकास से दुःख ०३. कर्म-यश-संपत्ति से युक्त होता है. अनिवार्य कार्य प्रणाली ०१. शरीर में मौजूद प्राण (उपप्राण) का परिष्कार किया जाये. ०२. उच्च स्तरीय प्राणों को ग्रहण किया जाये. ०३. उसका संवर्धन किया जाये. प्रक्रिया ०१. मन्त्र-जप ०२. प्राणायाम ०३. उच्च चिंतन ०४. भावमयी पुकार